एचआईवी: हूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस – एचआईवी एक ऐसा भयानक वायरस है जो आसानी से किसी भी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल जाता है।यह वायरस यदि किसी व्यक्ति को है तो उसके शरीर की क्षमता बिल्कुल भी कम कर देता है और शरीर तरह-तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। यदि आसान भाषा में कहा जाए तो एचआईवी और सुरक्षित यौन संबंध, दूषित रक्त संक्रमण और गर्भावस्था या संतान के कारण फैलता है।बहुत सारे लोग ऐसा समझते हैं कि एचआईवी और एड्स एक समान है मतलब एक ही है परंतु आपको बता दिया जाए कि यह बिल्कुल ही गलत है एचआईवी वायरस की रूप की तरह होता है जबकि एड्स एचआईवी संक्रमण के बाद फैलता है।
एचआईवी के होने के बाद एड्स सिंड्रोम के रूप में प्रकट होता है और धीरे-धीरे शरीर में फैलता है।इसका सही उदाहरण है कि यदि कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है और परेशान है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे एड्स भी होगा क्योंकि एचआईवी के संक्रमण से व्यक्ति प्रॉपर मेडिकल फॉलो कर आसान जीवन जी सकता है जबकि एड्स से पीड़ित व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है।
एचआईवी किस कारण से होता है?
आज के समय में आधुनिकता जैसे कितना ज्यादा बढ़ चुका है उसमें एक से एक गंभीर समस्या मानी जा रही है।इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों में जागरूकता कम है और लोगों के अंदर एचआईवी के कई मामले सामने आने के बावजूद भी वे इसे छुपाते हैं। यदि आसान भाषा में कहा जाए तो एचआईवी वायरस के होने के कम से कम 8 या 10 साल बाद ही आपके अंदर एड्स के लक्षण देखने को मिलेंगे इसके पहले आपको एचआईवी के फैलने के कुछ कारण बटा देते है :-
● खून चढ़ाने के दौरान एचआईवीअफेक्टेड ब्लड का इस्तेमाल।
● एचआईवी का वायरस मां से बच्चों में फैल सकता है।
● एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध
● नाई या टैटू की शॉप पर संक्रमित चीजों का इस्तेमाल।
● किसी डॉक्टर द्वारा डिस्पोजल सिरिंज का इस्तेमाल करना।
एचआईवी के सामान्य लक्षण:-
● लगातार वजन का घटना।
● याददाश्त में कमी आना।
● थोड़े से काम में ज्यादा थकान महसूस होना।
● अधिक समय तक डायरिया की स्थिति बने रहना।
● सूखी खांसी होना।
● लंबे समय तक बुखार रहना।
● इम्यून सिस्टम का कमजोर होना।
● रात को सोते वक्त पसीना आना।
● दस्त की समस्या।
● मेमोरी लॉस।
एचआईवी के स्टेज
आमतौर पर डॉक्टर द्वारा एचआईवी के तीन स्टेज को दिखाया गया है जो कि हर किसी के लिए जाना काफी महत्वपूर्ण होता है। जिनमें आपको देखने को मिलेंगे:-
एक्यूट एचआईवी इंफेक्शन:-
एचआईवी के सबसे प्रथम स्टेज में क्यूट एचआईवी इनफेक्शन को लिया जाता है। इसके अंतर्गत बीमारी के लक्षण संक्रमण के तुरंत बाद ही दिखना शुरू नहीं होते जो भी इस वायरस से संक्रमित होते हैं उन्हें तुरंत पता नहीं चल पाता।डॉक्टर द्वारा यह भी बताया जाता है कि शुरुआती लक्षणों को जानने के लिए लगभग 2 से 4 हफ्ते लग जाते हैं।
क्रोनिक एचआईवी इंफेक्शन
एचआईवी इंफेक्शन के दूसरे स्टेज में क्रोनिक एचआईवी का नाम आता है। यह वायरस शरीर को रिप्लिकेटिंगकरना शुरू कर देता है जोकि धीरे-धीरे मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है।डॉक्टर सारे यह भी बताया जाता है कि दूसरों को संक्रमित करने से पहले एचआईवी के लिए जल्दी परीक्षण करवा लेना काफी महत्वपूर्ण होता है इसके अंदर।
एडवांस इंफेक्शन
एचआईवी के तीसरे और आखिरी स्टेज में एडवांस इंफेक्शन को रखा गया है जो कि cd40 सेल की संख्या 2000 से नीचे वाली जाती है। इसके अंदर आपकी प्रतिरक्षा पूरी तरीके से सिर हो जाती है और धीरे-धीरे या आप को कमजोर करना शुरू कर देता है। इसके अंदर वजन से यह देखा जाता है कि आप अवसरवादी संक्रमण के लिए अधिक संक्रमित हो जाते हैं।
एचआईवी का इलाज
जहां तक अभी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा बताया गया है कि एचआईवी का कोई सटीक इलाज नहीं है सही जानकारी के साथ इसके बचाव किया जाए तो इस बीमारी को कम किया जा सकता है परंतु इसका कोई भी इलाज नहीं है।लोग जागरूक हो करके ही इसका समाधान निकाल सकते हैं क्योंकि इसका ना तो कोई टीका है और ना ही कोई बचाओ अवरोधक।
एचआईवी का जाँच
जाने वाले विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया शामिल है।इसके लिए बहुत सारी अलग-अलग जांच भी की जाती है जैसे कि सलाइवा टेस्ट और वायरल लोड टेस्ट ,वेस्टर्न बोल्ट टेस्ट आदि।इसके परीक्षण के समय सावधानी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
एचआईवी का रोकथाम
एचआईवी का कोई भी वैक्सीन या फिर रोकथाम की सुविधा ना होने के कारण हमें इस में परहेज और जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।वैसे तो एचआईवी के बारे में हर कोई जानता है कि छोटी सी छोटी चीज से भी यह बीमारी एक से दूसरे इंसान है फैल सकती है इसलिए सावधानी बरतना उतनी ही ज्यादा जरूरी हो जाती है।
- अपने यौन साथी की संख्या को सीमित रखें, केवल एक साथी के साथ यौन संबंध बनाए जो केवल आपके साथ सेक्स करे।
- यदि आपको एच आइ वी है तो निर्देश अनुसार अपनी दवाई ले और अपने यौन साथी को इसे प्रसारित करने के जोखिम को कम करें।
- पहले से ही इस्तेमाल की गई इंजेक्शन का उपयोग ना करें।
- अपनी और अपनी साथी की स्थिति जानने के लिए एचआईवी के लिए परीक्षण करें।
- कंडोम का उपयोग करने का सही तरीका जाने और उसका उपयोग हर बार करें जब आप यौन संबंध बना रहे हैं।